तारीफ़
मर जाऊं इस कदर तारीफ़ों से ,
रह जाऊं तेरे हर ख्यालों में ,धड़कन में।
तेरी दोस्ती मिली मुझे सजदे में, जैसे खुदा की रहमत बरसी तेरे प्यार से।
हर पल एहसास होता है इस ख़ुश्बू का, तेरी हसीं मुस्कान में बसी जन्नत का।
मर जाऊं इस कदर तारीफ़ों से ,
रह जाऊं तेरे हर ख्यालों में ,धड़कन में।
तेरी दोस्ती मिली मुझे सजदे में, जैसे खुदा की रहमत बरसी तेरे प्यार से।
हर पल एहसास होता है इस ख़ुश्बू का, तेरी हसीं मुस्कान में बसी जन्नत का।
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