बसंत का मौसम
बसंत का मौसम, फूलों की बहार,
फाल्गुन की महक और हवाओं में पराग।
पत्तझड़ के साथ नए कोंपलों का उभार
हवाओं में खुशकी है, लेकिन मन में उमंग|
आसमान सा निश्चल है, जल जैसा निर्मल
किसी को प्रीत है, किसी के जिम्मेदारी का बोझ
कर्तव्यबोधयुक्त प्रेम का है यही संगर्ष |
कर्तव्यबोधयुक्त प्रेम ... प्रेम में कर्तव्य का भान भी रहता है क्या ?..
ReplyDeleteबहुत खूब 👌👌
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